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ज्ञान और विज्ञान knowledge and science by saint rampal ji maharaj

ज्ञान और विज्ञान knowledge and science by saint rampal ji maharaj विज्ञान का सीधा-सा अर्थ है-वस्तुओं की तमाम जानकारी हासिल करना। यदि ज्ञान को समझें तो ज्ञान का मतलब मानवीय मूल्यों के अनुरूप चिंतन करना और चरित्र के लिए आस्थावान बनना है। कहते हैं विज्ञान का सीधा-सा अर्थ है-वस्तुओं की तमाम जानकारी हासिल करना। यदि ज्ञान को समझें तो ज्ञान का मतलब मानवीय मूल्यों के अनुरूप चिंतन करना और चरित्र के लिए आस्थावान बनना है। कहते हैं कि मनुष्य में जन्मजात पशु प्रवृत्तियां भरी होती हैं, लेकिन इन अवगुणों का नाश करके संस्कारी और आदर्शवादी बनाने की चिंतन प्रक्रिया को ज्ञान कहा गया है। अब अगर ज्ञान और विज्ञान की आपस में तुलना करें तो वह कुछ ऐसी होगी। हाइड्रोजन के दो कण जब ऑक्सीजन के संपर्क में आते हैं तो पानी बनता है-यह विज्ञान है, लेकिन इस पानी से जीव-जंतुओं की प्यास बुझती है-यह ज्ञान है। दरअसल विज्ञान की दिशा ज्ञान है और ज्ञान के बाद वस्तुत: विज्ञान नहीं रह जाता। विज्ञान का चरमोत्कर्ष ज्ञान है। इसी ज्ञान को पाने के लिए वैज्ञानिक भी प्रयास कर रहे हैं। कहते हैं कि भौतिक उपलब्धियां

चीन आखिर किसी धर्म को क्यों नहीं मानता, क्यों है नास्तिक? Nastik population in china

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चीन आखिर किसी धर्म को क्यों नहीं मानता, क्यों है नास्तिक?  Nastik population in china सरकार का मानना है कि धार्मिक आस्था वामपंथ को कमज़ोर करती है. चीन के पहले कम्युनिस्ट नेता माओत्से तुंग ने ही धर्म को नष्ट करने की कोशिश की थी. उन्होंने नास्तिकवाद को बढ़ावा दिया था. चीन आधिकारिक तौर पर एक नास्तिक देश है हालांकि पिछले 40 सालों में यहां धार्मिक गतिविधियां बढ़ी हैं. चीन का संविधान वैसे तो किसी भी  धर्म का पालन करने की आजादी  देता है लेकिन इसके बावजूद चीन में धर्म के रास्ते में कई पाबंदियां हैं. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सत्ता में आने के बाद भी बौद्ध धर्म को सरकार ने बढ़ावा दिया. शी जिनपिंग ने सार्वजनिक तौर पर बौद्ध, कन्फ्यूसियनिजम और दाओजिम से देश के नैतिक पतन पर नियंत्रण की बात कही थी. ‘ विश्व विजेयता सन्त’’(संत रामपाल जी महाराज की अध्यक्षता में हिन्दुस्तान विश्व धर्मगुरुके रूप में प्रतिष्ठित होगा)”संत रामपाल जी के विषय में ’’नास्त्रोदमस‘‘ की भविष्यवाणी“फ्रैंच (फ्रांस) देश के नास्त्रोदमस नामक प्रसिद्ध भविष्यवक्ता ने सन् (इ.स.)1555 में एक हजार श्लोकों में भविष्य की सांक

जन्माष्टमी कब है

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जन्माष्टमी कब है GOD KRISHANA IS SON OF KAAL  NIRANJAN 

Who is ‘Waheguru’ or God in Sikhism?

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गुरु ग्रन्थ साहेब, राग आसावरी, महला 1 के कुछ अंश  - साहिब मेरा एको है। एको है भाई एको है। आपे रूप करे बहु भांती नानक बपुड़ा एव कह।। (पृ. 350) जो तिन कीआ सो सचु थीआ, अमृत नाम सतगुरु दीआ।। (पृ. 352)​ गुरु पुरे ते गति मति पाई। (पृ. 353)​ बूडत जगु देखिआ तउ डरि भागे।​ सतिगुरु राखे से बड़ भागे, नानक गुरु की चरणों लागे।। (पृ. 414) मैं गुरु पूछिआ अपणा साचा बिचारी राम। (पृ. 439) Guru Nanak dev, the founder of Sikhism had given us many clues in Guru Granth Saheb that we can attain salvation only from Real Supreme Guru / Tattavdarshi Guru. Supreme Guru plays important role in human life. The real name of God in different native languages is KavirDev (in Sanskrit language in the Vedas), Hakka Kabir (in regional language in Guru Granth Sahib on page no. 721). He said that:- "हका कबीर करीम तू, बेऐब परवरदिगार" "Waheguru", (Wondrous Destroyer of darkness) is the distinctive representation of God's name in the Sikh tradition. It means "Wonderful Teacher"

कबीर जी ही पूर्ण परमात्मा हैं

कबीर जी ही पूर्ण परमात्मा हैं व सर्व सृष्टि रचनहार हैं संत दादू जी कहते हैं जिन मोकू निज नाम दिया, सोई सतगुरु हमार। दादू दूसरा कोई नहीं, कबीर सिरजनहार।। परमेश्वर कबीर जी चारो युगों में आते हैं। वर्तमान में सन्त रामपाल जी महाराज के रूप में अवतरित हुए हैं। उनसे नामदीक्षा लो और अपना कल्याण कराओ मन नेकी करले दो दिन का मेहमान कहां से आया है कहां जावेगा तन छूटे तब कहां समावेगा आखिरी तुझको कौन कहेगा गुरु बिन आत्म ज्ञान मन नेकी कर ले

कबीरपरमेश्वर_के_साथ_52बदमाशी

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 दिल्ली के बादशाह सिकन्दर लोधी के पीर शेखतकी ने कहा कि अगर यह कबीर अल्लाह है तो इसकी परीक्षा ली जाए कोई मुर्दा जीवित करे। तब सर्वशक्तिमान कबीर परमात्मा ने दरिया में बहते आ रहे एक लडके के‌ शव को हजारों लोगों के सामने जीवित किया। उसका नाम कमाल रखा।  https://t.co/s5lYVnHiOE